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भारत में ओवरस्टे करने वाले पाकिस्तानियों को 3 साल की जेल: ₹3 लाख जुर्माना भी, जानें किन वीज़ा पर लागू नियम; पड़ोसियों के भारत में रहने की डेडलाइन समाप्त

भारत में ओवरस्टे करने वाले पाकिस्तानियों को 3 साल की जेल: ₹3 लाख जुर्माना भी, जानें किन वीज़ा पर लागू नियम; पड़ोसियों के भारत में रहने की डेडलाइन समाप्त
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भारत सरकार ने अधिकांश श्रेणियों के वीज़ा धारक पाकिस्तानी नागरिकों के लिए देश छोड़ने की समय सीमा समाप्त होने पर सख्त चेतावनी जारी की है। ओवरस्टे करने पर 'इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट 2025' के तहत गिरफ्तारी, 3 साल तक जेल या ₹3 लाख जुर्माना हो सकता है। मेडिकल वीजा वालों को 29 अप्रैल तक मोहलत है।

केंद्र सरकार ने रविवार शाम एक नोटिस जारी कर भारत में मौजूद उन पाकिस्तानी नागरिकों को सख्त चेतावनी दी है जिनकी देश छोड़ने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है। नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि जो पाकिस्तानी नागरिक निर्धारित समय सीमा के बाद भी भारत में रुकते हैं, उन्हें गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। यह कार्रवाई 4 अप्रैल, 2025 से प्रभावी हुए 'इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट 2025' के प्रावधानों के तहत की जाएगी। इस कानून के अनुसार, वीज़ा शर्तों का उल्लंघन करने या वीज़ा अवधि से अधिक समय तक भारत में रुकने वाले विदेशी नागरिक को 3 साल तक की कैद या ₹3 लाख तक का जुर्माना, या दोनों सजाएं हो सकती हैं।

समाप्त हुई समय सीमा और सीमा पर वापसी

भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों के लिए 14 श्रेणियों के वीज़ा रद्द करने की घोषणा के बाद, अधिकांश वीज़ा धारकों के लिए भारत छोड़ने की अंतिम तिथि रविवार, 27 अप्रैल थी। इससे पहले, सार्क (SAARC) वीज़ा धारकों के लिए यह समय सीमा 26 अप्रैल को समाप्त हो गई थी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 23 अप्रैल को वीज़ा रद्द करने की जानकारी दी थी, जिसके तहत 13 श्रेणियों के लिए पहले 25 अप्रैल की समय सीमा तय की गई थी, जिसे बाद में 2 दिन बढ़ाया गया था। समय सीमा समाप्त होने के बाद, सीमा पर पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी में तेजी देखी गई है। पिछले तीन दिनों में अटारी बॉर्डर के रास्ते कुल 537 पाकिस्तानी नागरिक अपने वतन लौटे हैं। अटारी बॉर्डर पर तैनात प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण पाल के अनुसार, इसी अवधि में 850 भारतीय नागरिक भी पाकिस्तान से भारत वापस आए हैं। अकेले रविवार (27 अप्रैल) को 237 पाकिस्तानी नागरिक लौटे, जबकि 116 भारतीय नागरिक भारत आए।

रद्द किए गए वीज़ा की श्रेणियाँ

जिन प्रमुख वीज़ा श्रेणियों के धारकों को 27 अप्रैल तक भारत छोड़ना अनिवार्य था, उनमें शामिल हैं:

  • सार्क वीज़ा (उच्च-स्तरीय व्यक्तियों के लिए)
  • बिजनेस वीज़ा
  • विज़िटर वीज़ा (परिवार/रिश्तेदारों से मिलने हेतु)
  • जर्नलिस्ट वीज़ा
  • कॉन्फ्रेंस वीज़ा
  • ट्रांजिट वीज़ा
  • ग्रुप टूरिस्ट वीज़ा
  • माउंटेनियरिंग वीज़ा
  • फिल्म वीज़ा
  • स्टूडेंट वीज़ा
  • पिलग्रिम और ग्रुप पिलग्रिम वीज़ा

उल्लेखनीय है कि 'वीज़ा ऑन अराइवल' की सुविधा पाकिस्तानी नागरिकों के लिए पहले से ही उपलब्ध नहीं है।

मेडिकल वीज़ा धारकों और राजनयिकों के लिए विशेष नियम

सरकार ने मानवीय आधार पर कुछ रियायतें भी दी हैं। मेडिकल वीज़ा पर इलाज के लिए भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों और उनके साथ आए अधिकतम दो अटेंडेंट्स या परिजनों को देश छोड़ने के लिए 29 अप्रैल तक का समय दिया गया है। यह अतिरिक्त समय इसलिए दिया गया ताकि वे अपना इलाज पूरा करा सकें और सुरक्षित वापसी कर सकें। उन्हें अपने इलाज से संबंधित दस्तावेज़ तैयार रखने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायु सेना विंग से जुड़े राजनयिकों को 'अवांछित व्यक्ति' (persona non grata) घोषित करते हुए 30 अप्रैल तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।

लॉन्ग टर्म वीज़ा (LTV) धारकों पर असर नहीं

यह जानना महत्वपूर्ण है कि केंद्र सरकार का यह नोटिस और कार्रवाई लॉन्ग टर्म वीज़ा (LTV) धारकों पर लागू नहीं होती है। भारत सरकार चार मुख्य श्रेणियों में पाकिस्तानी नागरिकों को LTV प्रदान करती है: पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई), भारतीय पुरुष से विवाहित पाकिस्तानी महिला जो भारत में रह रही है, पाकिस्तान में विवाहित भारतीय महिला जो तलाकशुदा या विधवा होकर भारत लौटी है, और विशेष मानवीय आधार पर सरकार द्वारा स्वीकृत मामले। इनमें से अधिकांश LTV धारक पाकिस्तानी हिंदू हैं। पहली तीन श्रेणियों के लिए वीज़ा सामान्यतः 5 साल के लिए जारी होता है, जबकि चौथी श्रेणी में पहले 1 साल और फिर नवीनीकरण का प्रावधान है।

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