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भारत में कोरोना की नई लहर: एक्टिव केस 1800 पार, अब तक 15 मौतें; गुजरात में 8 माह की बच्ची ऑक्सीजन पर, 4 नए वैरिएंट सक्रिय

भारत में कोरोना की नई लहर: एक्टिव केस 1800 पार, अब तक 15 मौतें; गुजरात में 8 माह की बच्ची ऑक्सीजन पर, 4 नए वैरिएंट सक्रिय
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भारत में कोरोना वायरस के सक्रिय मामले तेजी से बढ़कर 1828 हो गए हैं, और इस नई लहर में महाराष्ट्र में सर्वाधिक 6 सहित देशभर में कुल 15 मौतें दर्ज की जा चुकी हैं। केरल में सबसे अधिक 727 सक्रिय मामले हैं। गुजरात में गुरुवार को मिले नए मामलों में एक 8 महीने की बच्ची को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है।

भारत में कोरोना वायरस एक बार फिर चिंता का सबब बनता जा रहा है। शुक्रवार, 30 मई, 2025 तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, देशभर में कोरोना के सक्रिय (एक्टिव) मामलों की संख्या बढ़कर 1828 तक पहुंच गई है। इस नई लहर में अब तक कुल 15 लोगों की जान भी जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, केरल 727 सक्रिय मामलों के साथ वर्तमान में देश का सर्वाधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है। देश के विभिन्न हिस्सों से लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं, जिसने स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है।

गुजरात में नवजात ऑक्सीजन सपोर्ट पर

गुजरात में गुरुवार, 29 मई को कोरोना संक्रमण के 6 नए मामले सामने आए। इनमें सबसे चिंताजनक स्थिति एक 8 महीने की नवजात बच्ची की है, जिसे संक्रमण के बाद सांस लेने में तकलीफ होने पर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। हालांकि, राज्य में इसी दिन 13 कोरोना मरीज स्वस्थ भी हुए हैं।

महाराष्ट्र में बढ़े केस, सर्वे जारी

महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को राज्य में कोविड-19 के 79 नए मामले दर्ज किए गए। अकेले मुंबई शहर में जनवरी 2025 से अब तक कुल 379 कोरोना संक्रमण के केस मिल चुके हैं, जिनमें सर्वाधिक 373 मामले मई महीने में ही सामने आए हैं। राज्य में जनवरी से अब तक 9592 कोविड-19 टेस्ट किए जा चुके हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार को देखते हुए राज्य सरकार इन्फ्लूएंजा और सांस से जुड़ी अन्य गंभीर बीमारियों (SARI) पर विशेष निगरानी रख रही है और इसके लिए सर्वे भी करा रही है। महाराष्ट्र में इस लहर में अब तक सर्वाधिक 6 मौतें हुई हैं।

जम्मू-कश्मीर में भी केरल के छात्र संक्रमित

वहीं, जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को कोविड-19 के दो नए मामले सामने आए। संक्रमित पाए गए दोनों व्यक्ति केरल के रहने वाले हैं और श्रीनगर स्थित गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज में अध्ययनरत हैं। इनके संपर्क में आए अन्य लोगों की भी जांच की जा रही है।

केरल में सर्वाधिक सक्रिय केस, मुख्यमंत्री ने नए वैरिएंट्स पर चेताया

देश में कोरोना के सबसे ज्यादा सक्रिय मरीज (727) केरल में हैं। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य में बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि राज्य में ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट JN.1 और LF.7 (ICMR द्वारा पहचाने गए चार नए वैरिएंट्स में से दो) के मामले प्रमुखता से सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने लोगों से सावधानी बरतने, मास्क पहनने और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का सख्ती से पालन करने की अपील की है।

ICMR ने की भारत में 4 नए कोरोना वैरिएंट्स की पुष्टि

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने बताया है कि भारत में अब तक कोरोना वायरस के चार नए वैरिएंट्स की पहचान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि दक्षिण और पश्चिम भारत से प्राप्त नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग में LF.7 सीरीज, XFG सीरीज, JN.1 सीरीज और NB.1.8.1 सीरीज के वैरिएंट पाए गए हैं। देश के अन्य हिस्सों से भी नमूने एकत्र कर उनकी गहन सीक्वेंसिंग की प्रक्रिया जारी है, ताकि इन नए वैरिएंट्स के प्रसार और उनके प्रभाव का सही आकलन किया जा सके। डॉ. बहल ने यह भी कहा कि वर्तमान में सामने आ रहे अधिकांश संक्रमण के मामले बहुत गंभीर प्रकृति के नहीं हैं, इसलिए आम जनता को घबराने की आवश्यकता नहीं है, परंतु सतर्क रहना और सभी जरूरी कोविड नियमों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

नए वैरिएंट्स की प्रकृति, WHO का वर्गीकरण और NB.1.8.1 की विशेष संक्रामकता

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन नए पाए गए कोरोना वैरिएंट्स (LF.7, XFG, NB.1.8.1) को फिलहाल 'चिंताजनक वैरिएंट' (Variant of Concern - VoC) की श्रेणी में तो शामिल नहीं किया है, लेकिन इन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और इन्हें 'निगरानी में रखे गए वैरिएंट' (Variant under Monitoring - VUM) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह महत्वपूर्ण है कि चीन सहित एशिया के कुछ अन्य देशों में हाल के दिनों में कोविड के मामलों में जो अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है, उनमें यही वैरिएंट प्रमुख रूप से पाए जा रहे हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार, विशेष रूप से NB.1.8.1 वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में A435S, V445H, और T478I जैसे कुछ विशिष्ट म्यूटेशन (उत्परिवर्तन) मौजूद हैं। ये म्यूटेशन इस वैरिएंट को अन्य मौजूदा वैरिएंट्स की तुलना में अधिक तेजी से फैलने और शरीर की विकसित प्रतिरक्षा प्रणाली (वैक्सीन या पूर्व संक्रमण से प्राप्त) को कुछ हद तक चकमा देने में अधिक सक्षम बना सकते हैं, जिससे पुनः संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

JN.1 वैरिएंट: भारत में सबसे आम और उसकी विशेषताएं

वर्तमान में भारत में कोविड-19 का JN.1 वैरिएंट सबसे अधिक प्रचलित और व्यापक रूप से फैलने वाला स्ट्रेन बना हुआ है। हाल ही में की गई टेस्टिंग और जीनोम सीक्वेंसिंग में आधे से अधिक (50% से अधिक) सैंपलों में इसी वैरिएंट की पुष्टि हुई है। JN.1 वास्तव में ओमिक्रॉन के BA.2.86 सब-वैरिएंट का ही एक उप-वंश (स्ट्रेन) है, जिसे पहली बार अगस्त 2023 में पहचाना गया था। अपनी उच्च संक्रामकता के कारण दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' (VoI) घोषित किया था। JN.1 में लगभग 30 अतिरिक्त म्यूटेशन हैं जो इसे इम्यूनिटी को कमजोर करने और संक्रमण को अधिक सुगमता से फैलाने में सहायता करते हैं।

अमेरिका स्थित जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, JN.1 वैरिएंट अन्य वैरिएंट्स की तुलना में अधिक आसानी से और तेजी से प्रसारित होता है, लेकिन यह आमतौर पर गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने की दर में उल्लेखनीय वृद्धि का कारण नहीं बनता है। यह दुनिया के कई हिस्सों में सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है। JN.1 से संक्रमित होने पर लक्षण कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक बने रह सकते हैं। यदि लक्षण ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक जारी रहते हैं, तो यह 'लॉन्ग कोविड' की स्थिति हो सकती है, जिसमें कोविड-19 के कुछ लक्षण पूर्ण रिकवरी के बाद भी व्यक्ति को परेशान करते रहते हैं। JN.1 के अतिरिक्त, भारत में BA.2 (कुल मामलों का लगभग 26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन के अन्य सबलाइनेज (लगभग 20 प्रतिशत मामले) भी सक्रिय रूप से संक्रमण फैला रहे हैं।

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