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17 राज्यों में मानसून की एंट्री: 6 दिन में 33% अधिक बारिश, अब रफ्तार धीमी होने के आसार; जानिए MP-UP में कब दस्तक देगा मानसून?

Monsoon India 2025
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मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत के कई अन्य हिस्सों में मानसूनी बारिश का इंतजार और भी लंबा हो सकता है।

MONSOON 2025: देश में 24 मई को समय से पहले दस्तक देने के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून तेजी से आगे बढ़ते हुए अब तक 17 राज्यों को कवर कर चुका है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले छह दिनों में सामान्य से 33% अधिक वर्षा हुई है। आज, शुक्रवार को इसके बिहार और पश्चिम बंगाल के शेष हिस्सों में पहुंचने की संभावना है।

MONSOON 2025: भारत में 24 मई, 2025 को समय से कुछ पहले प्रवेश करने वाला दक्षिण-पश्चिम मानसून अपनी प्रारंभिक तेज गति के बाद अब तक देश के 17 राज्यों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। पिछले महज छह दिनों के भीतर ही देशभर में सामान्य की तुलना में 33% अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिससे कई क्षेत्रों में गर्मी से राहत मिली है तो कुछ जगहों पर जलभराव की स्थिति भी बनी है। गुरुवार, 29 मई को मानसून ने पूर्वोत्तर भारत के बचे हुए हिस्सों और सिक्किम को पूरी तरह से कवर करते हुए पश्चिम बंगाल के हिमालयी क्षेत्रों में भी प्रवेश कर लिया।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, आज, शुक्रवार, 30 मई को मानसून के बिहार और पश्चिम बंगाल के शेष हिस्सों में भी दस्तक देने की प्रबल संभावना है। हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों ने अब इसकी रफ्तार कुछ थमने के आसार भी जताए हैं।

मानसून की रफ्तार पर क्यों लग सकता है ब्रेक?

मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में एक दबाव का क्षेत्र (डिप्रेशन) विकसित हुआ है। यह सिस्टम सागर द्वीप के पास से होते हुए उत्तर-पूर्व दिशा में बांग्लादेश की ओर बढ़ रहा है। चिंता का विषय यह है कि यह मौसमी प्रणाली उत्तर भारत की ओर मानसून को आगे बढ़ाने में सहायक होने के बजाय, उसे अपनी ओर (विपरीत दिशा में) खींच सकती है। इसके परिणामस्वरूप मानसून की उत्तरी और मध्य भारत की ओर बढ़ने की गति धीमी पड़ जाएगी।

MP-UP में कब होगी मानसून की एंट्री?

मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस प्रभाव का असर अगले दो से तीन दिनों में स्पष्ट रूप से दिखने लगेगा। आशंका जताई जा रही है कि इस वजह से मानसून की प्रगति पर एक हफ्ते से लेकर 10 दिनों तक का ब्रेक लग सकता है। यदि ऐसा होता है, तो मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत के कई अन्य हिस्सों में मानसूनी बारिश का इंतजार और भी लंबा हो सकता है, जिससे इन क्षेत्रों में गर्मी और उमस का प्रकोप जारी रह सकता है।

विभिन्न राज्यों में मानसून का असर और मौसम विभाग का अलर्ट

केरल में शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश

दक्षिण भारतीय राज्य केरल में मानसून की सक्रियता बनी हुई है। राज्य के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश और आगे भी इसी प्रकार की स्थिति बने रहने के अलर्ट के मद्देनजर शुक्रवार (आज) को कन्नूर, एर्नाकुलम, कासरगोड, कोट्टायम, त्रिशूर, इडुक्की, वायनाड, पथानामथिट्टा, पलक्कड़ और अलपुझा जिलों में जिला प्रशासन ने कॉलेज, आंगनवाड़ी और ट्यूशन सेंटर सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया है।

बिहार में भारी बारिश की संभावना

बिहार में मानसून के आज पहुंचने की संभावना के साथ ही, मौसम विभाग ने राज्य के पूर्वी और उत्तरी जिलों में अगले कुछ दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। विशेषकर किशनगंज, कटिहार, भागलपुर, अररिया और पूर्णिया समेत कई जिलों में 31 मई तक गरज-चमक के साथ भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है।

महाराष्ट्र में मानसून की स्थिति

अरब सागर में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कमजोर पड़ने के कारण महाराष्ट्र में मानसून की रफ्तार में कुछ कमी आई है। हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में एक नया मौसमी सिस्टम विकसित हो रहा है, जो आने वाले दिनों में राज्य के तटीय जिलों (कोंकण क्षेत्र) को प्रभावित कर सकता है और वहां बारिश की गतिविधियों में वृद्धि ला सकता है।

बंगाल की खाड़ी में गहरा दबाव, असम में भारी बारिश का अलर्ट

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा जारी नवीनतम अपडेट के अनुसार, गुरुवार को पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों से कुछ दूर उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा दबाव (डीप डिप्रेशन) लगभग उत्तर दिशा की ओर बढ़ा और गुरुवार शाम को ही इसने पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों को खेपुपारा (बांग्लादेश) और सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल) के बीच से पार कर लिया।

इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों के दौरान असम के विभिन्न जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, सबसे ज्यादा असर कछार, हैलाकांडी, करीमगंज (संभवतः श्रीभूमि का संदर्भ), धुबरी, दक्षिण सालमारा, गोलपारा, बारपेटा, बोंगाईगांव, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, कोकराझार, चिरांग, बजाली, बक्सा, तामुलपुर, नलबाड़ी, कामरूप (मेट्रो), कामरूप (ग्रामीण), दरांग, उदलगुरी, मारीगांव, नागांव, होजाई, सोनितपुर और दिमा हसाओ जिलों में देखने को मिल सकता है। इन क्षेत्रों में निचले इलाकों में जलभराव और भूस्खलन का भी खतरा है।

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