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भारत की एयरस्ट्राइक के बाद घिरा पाकिस्तान: घर में बलूच, TTP, ISKP तो बाहर भारत और तालिबान; पाक के दुश्मनों की लिस्ट...

भारत की एयरस्ट्राइक के बाद घिरा पाकिस्तान: घर में बलूच, TTP, ISKP तो बाहर भारत और तालिबान; पाक के दुश्मनों की लिस्ट...
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भारतीय सेना द्वारा 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' में राफेल से आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किए जाने के बाद पाकिस्तान चौतरफा चुनौतियों से जूझ रहा है। एक ओर बलूच अलगाववादी, TTP, ISKP जैसे विद्रोही संगठन उसकी सेना के लिए सिरदर्द बने हैं, तो दूसरी ओर भारत और अफगान तालिबान से भी उसके संबंध तनावपूर्ण हैं। यह रिपोर्ट पाकिस्तान के प्रमुख आंतरिक और बाहरी दुश्मनों पर केंद्रित है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले का भारतीय सेना ने 7 मई, 2025 को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत मुंहतोड़ जवाब दिया। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमानों ने स्कैल्प और हैमर जैसी घातक मिसाइलों का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 प्रमुख आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक नेस्तनाबूद कर दिया। भारत की इस कठोर कार्रवाई ने न केवल सीमा पार बैठे आतंकियों को कड़ा संदेश दिया है, बल्कि पाकिस्तान के समक्ष खड़ी उन गंभीर आंतरिक और बाह्य चुनौतियों को भी विश्व पटल पर उजागर कर दिया है, जिनसे वह वर्तमान में जूझ रहा है। एक तरफ जहां भारत जैसे पड़ोसी देश उसकी दशकों पुरानी आतंकी नीतियों का निर्णायक जवाब दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के अपने ही पाले-पोसे कई विद्रोही और आतंकी संगठन अब उसी की सेना और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुके हैं।

पाकिस्तान के 'घर के दुश्मन' (आंतरिक चुनौतियाँ)

पाकिस्तान अपनी स्थापना के बाद से ही कई आंतरिक विद्रोहों और अलगाववादी आंदोलनों का सामना कर रहा है। इनमें से कुछ प्रमुख संगठन:

  1. बलूच अलगाववादी: बलूचिस्तान, पाकिस्तान का सबसे बड़ा और संसाधन संपन्न प्रांत है, लेकिन यहां दशकों से अलगाववादी आंदोलन चल रहा है। बलूच राष्ट्रवादी संगठनों का आरोप है कि पाकिस्तान ने 1948 में बलूचिस्तान पर जबरन कब्जा किया था और तब से वह प्रांत के प्राकृतिक संसाधनों (जैसे गैस, खनिज, महत्वपूर्ण बंदरगाह) का अंधाधुंध दोहन कर रहा है, जिसका लाभ पंजाब और इस्लामाबाद को मिल रहा है, जबकि स्थानीय बलूच आबादी गरीबी, आर्थिक पिछड़ेपन और राजनीतिक शोषण का शिकार हो रही है। 'बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी' (BLA) जैसे कई सशस्त्र संगठन बलूचिस्तान की आजादी के लिए पाकिस्तानी सेना, सरकारी प्रतिष्ठानों, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजनाओं और वहां काम कर रहे चीनी इंजीनियरों को नियमित रूप से निशाना बनाते रहते हैं।
  2. इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासन (ISKP): कभी वैश्विक आतंकवाद का केंद्र समझा जाने वाला पाकिस्तान आज खुद इस्लामिक स्टेट ऑफ खुराasan (ISKP) जैसे खूंखार अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन के गंभीर खतरे का सामना कर रहा है। ISKP एक अत्यंत कट्टरपंथी जिहादी संगठन है जिसने पाकिस्तान और अफगानिस्तान में कई बड़े और घातक आतंकी हमलों को अंजाम दिया है। इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में एक कट्टर इस्लामिक अमीरात या खिलाफत स्थापित करना है। हाल ही में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने ही खुलासा किया था कि ISKP ने पाकिस्तान में आयोजित होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान विदेशी खिलाड़ियों और दर्शकों के अपहरण की योजना बनाई थी।
  3. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP): तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), जिसे पाकिस्तानी तालिबान भी कहा जाता है, पाकिस्तान के लिए एक और बड़ा आंतरिक खतरा है। यह संगठन पाकिस्तानी संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था को इस्लाम विरोधी मानता है और देश में अफगानिस्तान की तर्ज पर शरिया आधारित कट्टर इस्लामिक शासन लागू करना चाहता है। TTP के लड़ाके पाकिस्तानी सेना, सुरक्षाबलों और सरकारी अधिकारियों पर लगातार घातक हमले करते रहते हैं, जिनमें अब तक सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिक और नागरिक मारे जा चुके हैं। पाकिस्तान का आरोप है कि TTP को अफगान तालिबान का समर्थन प्राप्त है और उसे अफगानिस्तान में सुरक्षित पनाहगाहें मिलती हैं।
  4. जिये सिंध मुत्ताहिदा महाज (JSMM) और अन्य सिंधी राष्ट्रवादी: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी कई ऐसे राष्ट्रवादी और अलगाववादी संगठन सक्रिय हैं जो ग्रेटर सिंध देश या 'सिंधुदेश' की मांग करते हुए पाकिस्तान से पूर्ण स्वतंत्रता चाहते हैं। 'जिये सिंध मुत्ताहिदा महाज' (JSMM) इनमें से एक प्रमुख संगठन है जो सिंधियों के भाषाई, सांस्कृतिक और राजनीतिक अधिकारों के लिए संघर्षरत है और पाकिस्तान सरकार पर सिंध के संसाधनों के शोषण का आरोप लगाता है।

पाकिस्तान के 'बाहरी दुश्मन' (बाह्य चुनौतियाँ)

आंतरिक विद्रोहों के अलावा, पाकिस्तान को अपनी विदेश नीति और ऐतिहासिक कृत्यों के कारण कई बाहरी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है:

  1. भारत: अपनी स्थापना के समय से ही पाकिस्तान ने भारत को अपना सबसे बड़ा दुश्मन माना है और भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण नीति अपनाई है। दोनों देशों के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर कई युद्ध हो चुके हैं, और हर बार पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा है। पाकिस्तान पर लगातार भारत में, विशेषकर कश्मीर में, आतंकवाद को बढ़ावा देने, आतंकी शिविर चलाने और सीमा पार से घुसपैठ कराने के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने इन्हीं आतंकी शिविरों और लॉन्चपैड्स को निशाना बनाया है, जो पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है।
  2. अफगान तालिबान: अफगानिस्तान में तालिबान के दोबारा सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के संबंधों में भी गंभीर खटास आई है। कभी तालिबान का समर्थक रहा पाकिस्तान आज खुद अफगान तालिबान पर TTP जैसे आतंकी संगठनों को अपनी जमीन पर पनाह देने और पाकिस्तान विरोधी गतिविधियों को संचालित करने की अनुमति देने का आरोप लगाता है। वहीं, अफगान तालिबान इन आरोपों को सिरे से खारिज करता है और डूरंड रेखा जैसे सीमा विवादों को हवा देता रहता है। अफगानिस्तान के अंदर कथित पाकिस्तानी एयरस्ट्राइक और सीमा पर होने वाली झड़पों ने दोनों पड़ोसी इस्लामिक देशों के बीच अविश्वास को और गहरा कर दिया है।
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