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सतना में ढाई महीने से लापता दो सगे भाइयों के कंकाल जंगल में पेड़ से लटके मिले, माँ ने पहचाना, जांच जारी

सतना के जंगल में सनसनीखेज खुलासा: सतना जिले के गोदावरी मोड़ के पास स्थित जंगल में बुधवार को एक अत्यंत दुखद और सनसनीखेज मामला सामने आया। यहाँ एक पेड़ पर फांसी के फंदे से दो कंकाल लटके हुए पाए गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। जांच में पता चला कि ये कंकाल दो सगे भाइयों के हैं जो महीनों पहले लापता हो गए थे। इस खोज ने इलाके में सनसनी फैला दी है।
मृतकों की शिनाख्त
मौके पर बुलाई गई माँ ने भारी मन से कंकालों की पहचान अपने बेटों जितेंद्र यादव (उम्र 18 वर्ष) और वीरेंद्र यादव (उम्र 22 वर्ष) के रूप में की। जानकारी के अनुसार, दोनों भाई मूल रूप से बरौंधा थाना क्षेत्र के पांगी पुरवा गांव के रहने वाले थे। उनके पिता का देहांत पहले ही हो चुका था। वे सतना शहर की नई बस्ती में किराए का कमरा लेकर रहते थे और पढ़ाई कर रहे थे। परिवार की आर्थिक स्थिति और उनके सतना में रहने के कारणों की भी जांच की जा रही है।
ढाई महीने से थे लापता
परिजनों ने बताया कि जितेंद्र और वीरेंद्र इसी साल 28 जनवरी से रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए थे। उनकी कोई खबर न मिलने पर चिंतित परिजनों ने सतना के कोलगवां पुलिस थाने में उनकी गुमशुदगी की सूचना दी थी। पुलिस ने सूचना के आधार पर 31 जनवरी को गुमशुदगी का मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू की थी, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया था। अब लगभग ढाई महीने बाद उनके कंकाल बरामद हुए हैं।
पुलिस जांच: आत्महत्या या कुछ और?
घटनास्थल चित्रकूट पुलिस के क्षेत्र में आने या नजदीकी होने के कारण (स्रोत के अनुसार), चित्रकूट पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई है। पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह आत्महत्या का मामला है या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है। क्या दोनों भाइयों ने एक साथ आत्महत्या की, या उनकी हत्या करके शवों को पेड़ पर लटकाया गया? पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है और आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है ताकि इस रहस्यमयी मौत के कारणों का पता लगाया जा सके।